बोन मैरो ट्रांसप्लांट: जीवन बचाने का आधुनिक इलाज
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बोन मैरो ट्रांसप्लांट: क्या है, कब कराया जाता है और कितना आता है खर्च?

बोन मैरो क्या है?

बोन मैरो हड्डियों के बीच मौजूद नरम ऊतक है जिसे खून बनाने की फैक्ट्री भी कहा जाता है। यहीं पर लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) और प्लेटलेट्स का निर्माण होता है।


कब पड़ती है बोन मैरो ट्रांसप्लांट की ज़रूरत?

  • जब बोन मैरो ठीक से खून नहीं बना पाता।

  • थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, ल्यूकेमिया और एप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों में।

  • बच्चों (2–10 वर्ष) में थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया के मामलों में जल्दी ट्रांसप्लांट कराना सफलता की संभावना बढ़ाता है।

  • ल्यूकेमिया या एप्लास्टिक एनीमिया की पुष्टि होने पर तुरंत तैयारी की जाती है।


बोन मैरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया

  1. HLA मैचिंग – मरीज और डोनर के Human Leukocyte Antigen की जाँच की जाती है।

    • भाई-बहन में 25% तक मैचिंग की संभावना रहती है।

    • माता-पिता से सिर्फ 1–3% तक ही मैच होने की संभावना होती है।

  2. कीमोथेरेपी – मरीज को 7–10 दिन तक कीमो दी जाती है ताकि पुराना बोन मैरो नष्ट हो सके।

  3. ट्रांसप्लांटेशन – डोनर से निकाला गया लगभग 350 मि.ली. बोन मैरो आईवी लाइन के ज़रिए मरीज को चढ़ाया जाता है।

    • यह प्रक्रिया खून चढ़ाने जैसी सामान्य होती है, कोई बड़ी सर्जरी नहीं।


बोन मैरो ट्रांसप्लांट का खर्च कितना होता है?

  • सामान्यत: थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों में ट्रांसप्लांट का खर्च 10 से 12 लाख रुपये तक आता है।

  • आर्थिक बोझ कम करने के लिए कई योजनाएँ और संस्थाएँ मदद करती हैं:

    • मुख्यमंत्री योजना

    • प्रधानमंत्री योजना

    • महात्मा फूले योजना

    • कई NGO और स्वयंसेवी संस्थाएँ


FAQs

1. बोन मैरो ट्रांसप्लांट क्या है?

बोन मैरो ट्रांसप्लांट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खराब या डिफेक्टिव बोन मैरो को हटाकर स्वस्थ डोनर का बोन मैरो मरीज को चढ़ाया जाता है।

2. बोन मैरो ट्रांसप्लांट कब किया जाता है?

जब बोन मैरो खून बनाने में असमर्थ हो जाता है या मरीज थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, ल्यूकेमिया, या एप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो, तब ट्रांसप्लांट किया जाता है।

3. बोन मैरो ट्रांसप्लांट कितनी उम्र में सबसे सफल होता है?

अगर यह प्रक्रिया बच्चों में 2 से 10 साल की उम्र के बीच कर दी जाए तो इसकी सफलता दर 90–95% तक होती है।

4. क्या बोन मैरो ट्रांसप्लांट दर्दनाक होता है?

यह प्रक्रिया सर्जरी जैसी नहीं है। डोनर से बोन मैरो निकालने और मरीज को चढ़ाने का तरीका लगभग खून चढ़ाने जैसा होता है, इसलिए यह बहुत दर्दनाक नहीं होता।

5. बोन मैरो ट्रांसप्लांट में कितना खर्च आता है?

इसकी लागत आम तौर पर 10 से 12 लाख रुपये तक हो सकती है, लेकिन सरकारी योजनाओं और NGO की मदद से खर्च काफी कम हो सकता है।

6. क्या बोन मैरो ट्रांसप्लांट हर मरीज के लिए संभव है?

नहीं, ट्रांसप्लांट तभी संभव है जब मरीज का HLA मैचिंग डोनर से हो जाए। भाई-बहन में मैच होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

निष्कर्ष

बोन मैरो ट्रांसप्लांट कई गंभीर बीमारियों में जीवन रक्षक साबित होता है। खासतौर पर बच्चों में समय रहते कराया गया ट्रांसप्लांट 90–95% तक सफल माना जाता है। सही समय पर जाँच और उपचार से यह प्रक्रिया मरीज और परिवार के लिए नई उम्मीद लेकर आती है।

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