लौंग (Clove / Laung) एक प्रसिद्ध मसाला है, जिसका उपयोग भारतीय रसोई से लेकर आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा तक होता आ रहा है। यह स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए ही नहीं, अनेक औषधीय गुणों से भरा हुआ है। आयुर्वेद में लौंग को “दीपन-पाचक” यानी पाचन शक्ति बढ़ाने वाला और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाला माना गया है।
लौंग का वैज्ञानिक नाम Syzygium aromaticum है और यह एक सदाबहार पेड़ की सूखी कली होती है। इसमें पाया जाने वाला यूजेनॉल (Eugenol) तत्व इसके औषधीय गुणों का मुख्य आधार है।
लौंग के अन्य नाम (Clove in Different Languages)
हिंदी – लौंग
संस्कृत – लवंग, देवकुचला
अंग्रेज़ी – Clove
उर्दू – लौंग
गुजराती – लौंग
तमिल – கிராம்பு (Kirampu)
तेलुगु – లవంగము (Lavangamu)
बंगाली – লবঙ্গ (Labongo)
मराठी – लवंग
मलयालम – ഗ്രാമ്പു (Grambu)
लौंग के पोषक तत्व (Nutrients in Clove)
100 ग्राम लौंग में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्व:
कैल्शियम – 600 mg
फॉस्फोरस – 287 mg
आयरन – 11 mg
पोटैशियम – 1020 mg
सोडियम – 277 mg
विटामिन A – 13 IU
विटामिन C – 80 mg
मैग्नीशियम – 264 mg
फाइबर – 34 g
लौंग के फायदे (Laung ke Fayde in Hindi)
1. दांत दर्द में रामबाण
लौंग का तेल दांत दर्द और मसूड़ों की सूजन के लिए सबसे प्रभावी उपाय है। दर्द होने पर लौंग के तेल को कॉटन पर लगाकर प्रभावित भाग पर रखने से तुरंत आराम होता है।
2. पाचन शक्ति को बनाना
लौंग का सेवन गैस, अपच, पेट फूलना और उल्टी जैसी समस्याओं में लाभकारी है। यह पाचक रसों के स्राव को बढ़ाता है और भूख को भी बढ़ावा देता है।
3. सर्दी-खांसी में राहत
लौंग का काढ़ा या लौंग के तेल की भाप लेने से खांसी, गले की खराश और सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है।
4. इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक
लौंग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण शरीर को संक्रमण से बचाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
5. सांसों की दुर्गंध दूर करना
लौंग चबाने से सांसों की बदबू खत्म होती है और मुँह ताज़ा महसूस करता है.
6. गठिया और जोड़ों के दर्द में फ़ायदेमंद
लौंग के तेल से मालिश करने से गठिया और जोड़ों का दर्द में आराम होता है।
7. कैंसर-रोधी प्रभाव
आधुनिक शोध के अनुसार लौंग में प्राप्त तत्व एंटी-कैंसर प्रभाव रखते हैं, विशेष रूप से पेट और फेफड़ों के कैंसर में फ़ायदेमंद हो सकते हैं।
8. श्वसन बीमारियों में फ़ायदेमंद
अस्थमा और ब्रोंकाइटिस आदि बीमारियों में लौंग की भाप और काढ़ा फायदेमंद होता है।
9. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
लौंग का तेल मुहांसों और स्किन इंफेक्शन को कम करता है। बालों पर लगाने से डैंड्रफ और हेयर फॉल की समस्या भी कम होती है।
10. यौन स्वास्थ्य में सहायक
लौंग का सेवन पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार माना जाता है।
लौंग का इस्तेमाल (Laung ke Upyog)
रसोई में – मसालों के रूप में सब्ज़ी, पुलाव, बिरयानी और मिठाइयों में।
आयुर्वेद में – लौंग का तेल, काढ़ा, और पाउडर औषधियों में।
घरेलू नुस्खे – दांत दर्द, खांसी, और पाचन रोगों के लिए।
सौंदर्य प्रसाधन – स्किन क्रीम और हर्बल तेलों में।
लौंग का सेवन कैसे करें? (Dosage)
लौंग पाउडर: 1–2 ग्राम
लौंग का काढ़ा: 20–30 ml
लौंग का तेल: 2–3 बूंद (सिर्फ़ बाहरी प्रयोग के लिए)
सीधा सेवन: 1–2 लौंग रोजाना
लौंग के नुकसान (Laung ke Nuksan / Side Effects)
जैसे कि कोई भी औषधि की तरह, लौंग का सेवन भी सीमित मात्रा में करना होगा।
अधिक मात्रा में लौंग का तेल लिवर को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लौंग का सेवन सीमित करना होगा।
एलर्जी या एसिडिटी की समस्या होने वाले लोगों को अधिक लौंग खाने से बचना होगा।
लंबे समय तक अधिक उपयोग से मुँह और गले में जलन हो सकती है।
लौंग कहां उगाई जाती है?
लौंग की खेती इंडोनेशिया, मेडागास्कर, श्रीलंका और भारत (केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक) में की जाती है।
FAQs: लौंग से संबंधित सामान्य प्रश्न
Q1. लौंग दांत दर्द में लाभकारी है?
✔ हाँ, लौंग का तेल दांत दर्द और मसूड़ों की सूजन में तुरंत सुभव होता है।
Q2. लौंग वजन घटाने में मदद करती है?
✔ जी हाँ, लौंग मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है और फैट बर्न करने में उत्पादक है।
Q3. गर्भवती महिलाएं लौंग क्या खा सकती हैं?
❌ गर्भावस्था में लौंग का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक मात्रा नुकसानदायक हो सकती है।
Q4. हर रोज़ लौंग खाना सही है?
✔ हाँ, लेकिन केवल 1–2 लौंग प्रतिदिन पर्याप्त है।
Q5. खांसी-जुकाम क्या लौंग से ठीक होती है?
✔ जी हाँ, लौंग का काढ़ा और शहद के साथ लौंग खांसी-जुकाम में बहुत फायदेमंद है।
निष्कर्ष (Conclusion)
लौंग एक छोटा सा मसाला है लेकिन इसके फायदे अनगिनत हैं। यह पाचन से लेकर इम्यूनिटी, दांत दर्द, खांसी-जुकाम और त्वचा-बालों की समस्याओं में असरदार है। हालांकि, इसका सेवन हमेशा सीमित मात्रा में और चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।